🔍मऊ सीट से विधायक अब्बास अंसारी की विधायकी दो साल की सजा के चलते समाप्त; सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने सीट पर उपचुनाव लड़ने का किया दावा। पंचायत चुनावों को लेकर भी की नई पहल।
जगदंबा उपाध्याय की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक अहम घटनाक्रम के तहत मऊ सदर विधानसभा सीट अब खाली हो गई है। समाजवादी पार्टी गठबंधन के तहत 2022 में इसी सीट से सुभासपा (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) के टिकट पर चुने गए विधायक अब्बास अंसारी को अदालत ने भड़काऊ भाषण मामले में दो साल की सजा सुनाई है। इसके चलते उनकी विधानसभा सदस्यता लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत स्वतः समाप्त कर दी गई।
“यह हमारी सीट है”, बोले ओम प्रकाश राजभर
इस घटनाक्रम के बाद सुभासपा अध्यक्ष एवं राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने साफ तौर पर कहा है कि “यह सीट हमारी है और हमारी पार्टी ही इसके लिए होने वाला उपचुनाव लड़ेगी।” गौरतलब है कि सुभासपा फिलहाल भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी है।
अब्बास अंसारी को लेकर पार्टी का रुख
अब्बास अंसारी के भविष्य को लेकर पूछे गए सवाल पर राजभर ने कहा, “अगर वह अदालत जाते हैं, तो पार्टी उनके साथ है।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्तमान में हाई कोर्ट अवकाश पर है, इसलिए कानूनी प्रक्रिया में थोड़ी देरी संभव है।
विधानसभा में घटकर रह गए 5 विधायक
अब्बास अंसारी की अयोग्यता के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा में सुभासपा के विधायकों की संख्या घटकर पांच रह गई है। यह पार्टी के लिए एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मोड़ है, खासकर जब वह राज्य सरकार का हिस्सा बनी हुई है।
पंचायत चुनावों को लेकर नई पहल
इसके अलावा राजभर ने जिला पंचायत अध्यक्ष और ब्लॉक प्रमुखों के सीधे चुनाव की मांग दोहराई है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस विषय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। उनका कहना है कि “पारदर्शी चुनाव के लिए जनता से सीधे मतदान कराया जाना चाहिए, जिससे धन और बाहुबल के दुरुपयोग को रोका जा सके।”
इस घटनाक्रम ने न सिर्फ मऊ की सियासत को प्रभावित किया है, बल्कि पूरे पूर्वांचल की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि उपचुनाव में सुभासपा किस प्रत्याशी को उतारती है और भाजपा उसके इस दावे पर क्या रुख अपनाती है।